Sunday, April 3, 2016

मंदिर

Q) मंदिर शब्द का क्या अर्थ है?
Q) इस शब्द की रचना कैसे हुई?
धयान से समझें।

मंदिर शब्द में 'म न' और 'दर' की संधि है

मन + दर

मन अर्थात मन
दर अर्थात द्वार

मन का द्वार 👏

तात्पर्य
जहाँ हम अपने मन का द्वार खोलते हैं,
वह स्थान मंदिर है।

म + न

म अर्थात मम = मैं
न अर्थात = नहीं

मैं नहीं

जहाँ मैं नहीं !!

अर्थात
जिस स्थान पर जाकर हमारा 'मैं' यानि अंहकार 'न' रहे वह स्थान मंदिर है।
सर्व विदित है कि ईश्वर हमारे मन में ही है,
अत: जहाँ 'मैं' न रह कर केवल ईश्वर हो वह स्थान मंदिर है।

मैं को निकाल दिया
वहाँ ईश्वर ही ईश्वर है
वहाँ ईश्वर का घर मंदिर ही है....!
🙏🙏🙏🙏

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