Saturday, October 22, 2016

कठोर किंतु सत्य

🌞🙏🏽 ~*जीत*~🙏🏽🌞
        *कठोर किंतु सत्य!*
👉🏽1- माचिस किसी दूसरी चीज
को जलाने से पहले खुद
को जलाती हैं..!
*गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है...

👉🏽2- आज का कठोर व कङवा सत्य !!
चार *रिश्तेदार* एक दिशा में 
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो...

👉🏽3- कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर,
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार...
जिन्दगी में *बुरा समय* आ जाये
तो...
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर...
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए...

👉🏽4- रिश्तों की बगिया में एक *रिश्ता* नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है...

👉🏽5- *परिवर्तन* से डरना और *संघर्ष* से कतराना, 
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है...

👉🏽6- जीवन का सबसे बड़ा गुरु *वक्त* होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता...

👉🏽7- बहुत ही सुन्दर वर्णन है-
*मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....*अभिमान मर जाएगा

*आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....*पत्थर दिल पिघल जाएगा

*दांतों को आराम देकर देखिए.........*स्वास्थ्य सुधर जाएगा

*जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए.....*क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा

*इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए......*खुशियों का संसार नज़र आएगा...

8- पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे", 
और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है"...*            
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